कालिदास के आठ महाकाव्य

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9781989416235
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ISBN13:
9781989416235
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संस्कृत महाकवि कालिदास के ऋतुसंहार, कुमारसंभव, नलोदय, मालविकाग्निमित्र, मेघदूत, रघुवंश, विक्रमोर्वशी, शकुन्तला आदि आठ प्रमुख नाटक-महाकाव्य एक ही स्थान में सरल हिंदी में रसर्च-स्कालर, संशोधक, छात्र, कवि या साहित्य प्रेमियों के लाभ के लिए यह एक संयुक्त महाकाव्य अपूर्व रूप में लिखा गया है. महाकाव्य का अर्थ यह नहीं होता कि वह रचना चार-सौ या पाँच-सौ पृष्ठ या उससे से अधिक विशाल हो. जिस काव्य रचना का नायक महावीर पुरुष हो और रचना अलंकृत हो वह काव्य महाकाव्य होता है. उदाहरण, कालिदास के कई काव्य मात्र 20-25 पृष्ठ के ही हैं मगर वे महाकाव्य श्रेणि में अग्रगण्य हैं. यह "कालिदास के आठ महाकाव्य" का काव्य सिंधु सरल हिंदी भाषा के दोहा छंदसूत्र के अनुसार एवं रागों, छंदो और गीतों के साथ अलंकारमय किया गया है. इस अपूर्व महाकाव्य की सत्यनिष्ठता प्रस्थापित करने और कायम रखने के लिए कालिदास महाकवि के मूल संस्कृत पद्य क्रमानुसार यथा योग्य साथ-साथ दिए हैं. आशा है प्रस्तुत अष्ट-महाकाव्य-सागर पाठकों और छात्रों को रुचिकर एवं लाभदायक हो. यह महाकाव्य वर्तमान हिंदी साहित्य जगत में एक अनुपम एवं महान संयोजन है.


  • | Author: Ratnakar Narale
  • | Publisher: PC Plus Ltd.
  • | Publication Date: Mar 10, 2022
  • | Number of Pages: 514 pages
  • | Binding: Paperback or Softback
  • | ISBN-10: 1989416233
  • | ISBN-13: 9781989416235
Author:
Ratnakar Narale
Publisher:
PC Plus Ltd.
Publication Date:
Mar 10, 2022
Number of pages:
514 pages
Binding:
Paperback or Softback
ISBN-10:
1989416233
ISBN-13:
9781989416235