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लाल किले की दर्दभरी दास्&#2340

Redgrab Books pvt ltd
SKU:
9788194198444
|
ISBN13:
9788194198444
$59.99 $58.60
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इस पुस्तक में मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा ई.1638 में दिल्ली में लाल किले की नींव डाले जाने से लेकर भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति तक के इतिहास का वह भाग दिया गया है जो दिल्ली एवं आगरा के लाल किलों की छत्रछाया में घटित हुआ था। इस काल में ये दिल्ली एवं आगरा के लाल किले भारत की सत्ता के प्रतीक बन गए थे। जब ई.1857 में रात के अंधेरे में शाहजहां के अंतिम वंशज बहादुरशाह जफर को भारत से निकालकर रंगून भेजा गया, तब लाल किलों की सत्ता सदा के लिए भारत पर से समाप्त हो गई। भारत के इतिहास की वे छोटी-छोटी हजारों बातें जो आधुनिक भारत के कतिपय षड़यंत्रकारी इतिहासकारों द्वारा इतिहास की पुस्तकों का हिस्सा बनने से रोक दी गईं किंतु तत्कालीन दस्तावेजों, पुस्तकों, मुगल शहजादों एवं शहजादियों की डायरियों आदि में उपलब्ध हैं, उन्हें भी इस पुस्तक में स्थान दिया गया है। इस कारण इस पुस्तक को भारत में अपार लोकप्रियता प्राप्त हुई है।


  • | Author: Mohanlal Gupta
  • | Publisher: Redgrab Books Pvt Ltd
  • | Publication Date: Jul 27, 2020
  • | Number of Pages: 698 pages
  • | Binding: Hardback or Cased Book
  • | ISBN-10: 8194198445
  • | ISBN-13: 9788194198444
Author:
Mohanlal Gupta
Publisher:
Redgrab Books Pvt Ltd
Publication Date:
Jul 27, 2020
Number of pages:
698 pages
Binding:
Hardback or Cased Book
ISBN-10:
8194198445
ISBN-13:
9788194198444