Man ki shaktiyan
Prabhakar Prakashan Private Limited
ISBN13:
9789367930052
$13.77
मानव मन असाधारण शक्तियों का भंडार है, जो असीमित संभावनाओं से भरा हुआ है। स्वामी विवेकानंद ने हमें बताया है कि अधिकांश लोग इस अद्भुत क्षमता से अनभिज्ञ रहते हैं। उनकी शिक्षाएँ इसे उजागर करने का प्रयास करती हैं। स्वामी विवेकानंद ने मन की गहराइयों में छिपी शक्तियों को पहचानने, उन्हें विकसित करने और सही दिशा में उपयोग करने पर जोर दिया। उनका मानना था कि आत्म-निरीक्षण, ध्यान और सकारात्मकता के माध्यम से हम अपने मन की वास्तविक शक्तियों को जागृत कर सकते हैं। उनकी शिक्षाएँ स्पष्ट करती हैं कि यदि हम अपने मन को समझें और उसे अनुशासित करें, तो हम अपने जीवन में असाधारण सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह पुस्तक पाठक को मानव मन की अनंत संभावनाओं को पहचानने और उन्हें विकसित करने की प्रेरणा देती है। स्वामी विवेकानंद के दर्शन से जागरूकता प्राप्त करें और अपनी छिपी हुई शक्तियों का अधिकतम उपयोग करें।
- | Author: Swami Vivekanand
- | Publisher: Prabhakar Prakashan Private Limited
- | Publication Date: Jan 23, 2025
- | Number of Pages: 00074 pages
- | Binding: Paperback or Softback
- | ISBN-10: 9367930054
- | ISBN-13: 9789367930052
- Author:
- Swami Vivekanand
- Publisher:
- Prabhakar Prakashan Private Limited
- Publication Date:
- Jan 23, 2025
- Number of pages:
- 00074 pages
- Binding:
- Paperback or Softback
- ISBN-10:
- 9367930054
- ISBN-13:
- 9789367930052