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Yogdiksha Evam Anya Lekh (Hindi)

Allied Publishers Pvt. Ltd.
SKU:
9789390951130
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ISBN13:
9789390951130
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(Hindi)श्री कृष्ण प्रेम का जन्म इंग्लैंड में रॉनल्ड हेनरी निक्सन के नाम से हुआ था। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने रॉयल फ़्लाइंग कोर (जो आगे चलकर रॉयल एयर फ़ोर्स बनी) में फ़ाइटर पायलट के रूप में सेवा दी। युद्ध के पश्चात उन्होंने केम्ब्रिज विश्वविद्यालय के किंग्स कॉलेज से अंग्रेज़ी साहित्य और नैतिक दर्शन (मॉरल साइंसेज़) में डिग्री प्राप्त की। 1920 में वे भारत आए और लखनऊ विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य आरंभ किया।लखनऊ में उनकी भेंट विश्वविद्यालय के उपकुलपति की पत्नी श्रीमती मोनिका देवी से हुई, जिन्हें वे अपनी गुरु मानने लगे। जब वे बनारस चली गईं तो श्री कृष्ण प्रेम भी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय चले गए। 1928 में जब उनकी गुरु ने वैराग्य धारण कर वैष्णव संन्यास लिया, तो रॉनल्ड निक्सन भी सन्यासी बनकर श्री कृष्ण प्रेम कहलाए।उन्होंने दो वर्षों तक अल्मोड़ा में भिक्षावृत्ति से जीवनयापन करते हुए अपनी गुरु श्री यशोदा माई के साथ 30 किमी दूर मिर्टोला में एक राधा-कृष्ण मंदिर का निर्माण कराया। 1932 से वे वहीं रहने लगे। 1944 में यशोदा माई के निधन के बाद वे आश्रम के प्रधान सेवक बने।1948 में उन्होंने भगवान रमण महर्षि के दर्शन किए, जिन्होंन


  • | Author: Sri Sri Krishna Prem
  • | Publisher: Allied Publishers Pvt. Ltd.
  • | Publication Date: May 22, 2025
  • | Number of Pages: 00154 pages
  • | Binding: Paperback or Softback
  • | ISBN-10: 9390951135
  • | ISBN-13: 9789390951130
Author:
Sri Sri Krishna Prem
Publisher:
Allied Publishers Pvt. Ltd.
Publication Date:
May 22, 2025
Number of pages:
00154 pages
Binding:
Paperback or Softback
ISBN-10:
9390951135
ISBN-13:
9789390951130